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इंटरनेशनल टाइगर डे पर काज़ीरंगा ने रचा इतिहास, दुनिया में तीसरा स्थान

किशन छेत्री
काज़ीरंगा/असम.समाचार, 29 जुलाई

इंटरनेशनल टाइगर डे पर काज़ीरंगा ने रचा इतिहास, दुनिया में तीसरा स्थान

इंटरनेशनल टाइगर डे के अवसर पर काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से गर्व करने वाली खबर आई है। काज़ीरंगा ने बाघों की संख्या के मामले में विश्व स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है। काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान प्राधिकरण के अनुसार, वर्तमान में यहां 148 बाघ दर्ज किए गए हैं, जबकि इससे पहले यहां 104 बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई थी।

उद्यान प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में 18 बाघ पाए जाते हैं, जो वैश्विक स्तर पर एक मजबूत बाघ घनत्व को दर्शाता है।

बाघ संरक्षण में असम की अग्रणी भूमिका

29 जुलाई को 2010 से हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है। असम राज्य देश में बाघ संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। खासकर मानस और काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाघ संरक्षण परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण ने वर्ष 2007 में काज़ीरंगा को टाइगर रिजर्व घोषित किया था। फिलहाल काज़ीरंगा टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल करीब 1,300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

पर्यटन का केंद्र बना काज़ीरंगा

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान न केवल बाघों, बल्कि अन्य वन्यजीवों को देखने के लिए भी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। पिछले पर्यटन सीजन में कई स्थानीय और विदेशी पर्यटकों ने बाघों के अद्भुत दर्शन किए।
“कई पर्यटकों ने एक साथ 3 बाघों को भी देखा है,” उद्यान प्राधिकरण ने जानकारी दी।

डॉ. सोनाली घोष का बयान

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की निदेशक डॉ. सोनाली घोष ने कहा,
“काज़ीरंगा की यह उपलब्धि बाघ संरक्षण की दिशा में किए गए अथक प्रयासों का परिणाम है। असम न केवल भारत बल्कि विश्व के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।”

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