गुवाहाटी में आईएचएम कैंपस पर चली सरकारी जेसीबी, मंत्री जयंत मल्लबरुवा ने सिलसाकू में बेदखली अभियान का नेतृत्व किया
बाढ़ नियंत्रण के लिए 800 बीघा जलाशय परियोजना, अवैध निर्माण और पर्यावरण उल्लंघनों पर सख्ती

गुवाहाटी, 21 जुलाई(असम.समाचार)
गुवाहाटी में बाढ़ रोकथाम हेतु चल रहे महत्वाकांक्षी अभियान के तहत आज सिलसाकू स्थित होटल मैनेजमेंट संस्थान (IHM) का कैंपस ध्वस्त कर दिया गया। इस बेदखली अभियान का नेतृत्व असम के आवास एवं शहरी कार्य मंत्री जयंत मल्लबरुवा ने किया। इससे पूर्व इसी क्षेत्र में ओमियो कुमार दास सामाजिक परिवर्तन और विकास संस्थान (OKDISCD) तथा सहकारिता प्रबंधन संस्थान (ICM) को भी हटाया जा चुका है।
यह कार्रवाई सिलसाकू में 800 बीघा क्षेत्रफल में प्रस्तावित विशाल जलाशय परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गुवाहाटी के शहरी जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान करना है। आईएचएम, जो केंद्रीय सरकार द्वारा संचालित होटल प्रबंधन संस्थान है और 15 बीघा भूमि पर फैला है, को स्थायी रूप से सोनापुर में 30 बीघा भूमि पर स्थानांतरित किया जाएगा।
मंत्री मल्लबरुवा ने कहा,
“यह एक कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय है। गुवाहाटी को विनाशकारी बाढ़ से बचाने के लिए यह कदम उठाना अनिवार्य हो गया था। हम शहर के भविष्य की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं।”
अस्थायी प्रबंध
सरकार ने आईएचएम के लिए अस्थायी कक्षाओं की व्यवस्था क्रिश्चियन बस्ती स्थित इंडस्ट्री बिल्डिंग में करने की घोषणा की है, जबकि छात्रों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था गेम्स विलेज में की जा रही है।
बेदखली अभियान और आगे की कार्यवाही
आईएचएम कैंपस में आज कक्षाओं के भवनों का ध्वस्तीकरण शुरू हो गया, जबकि हॉस्टल और अन्य सहायक संरचनाओं को आने वाले दिनों में हटाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह जलाशय क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा संस्थागत ध्वस्तीकरण है और इसे 15 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
जलाशय परियोजना के अंतर्गत आने वाले जिंजर होटल और टेनिस कोर्ट जैसे अन्य प्रतिष्ठानों को भी चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। आगामी शुष्क मौसम में जलाशय की खुदाई का कार्य शुरू होगा।
मंत्री ने कहा,
“यह सिर्फ ध्वस्तीकरण नहीं है, बल्कि गुवाहाटी की पारिस्थितिकीय सुरक्षा को पुनर्स्थापित करने और बाढ़ से बचाव की स्थायी प्रणाली बनाने का प्रयास है।”
शहरी निरीक्षण अभियान
दिनभर मंत्री मल्लबरुवा ने गुवाहाटी के विभिन्न क्षेत्रों — बघोरबोरी, कोईनाधोरा (खानापारा), लोखोरा, गारचुक, धरापुर, गारिगांव और जीएस रोड — में उच्च-भवन निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने भवन निर्माण उपविधियों, संरचनात्मक सुरक्षा मानकों और पर्यावरण नियमों के पालन की स्थिति का जायजा लिया।
मंत्री ने कहा,
“शहर के प्राकृतिक जलमार्गों और जलाशयों के अतिक्रमण को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी प्राथमिकता टिकाऊ शहरी विकास और पारदर्शी शासन है।”
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस मौके पर गुवाहाटी महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) के अध्यक्ष नारायण डेका, गुवाहाटी नगर निगम (GMC) के मेयर मृगेन सरानिया, जिला प्रशासन के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।