असम

गुजरात मे देश के सभी मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों का सम्मेलन सम्पन्न

तेज़पुर विश्वविद्यालय ने पाँचवें समूह मे उच्च शिक्षा में समानता को बढ़ावा देने को लेकर आयोजित महत्वपूर्ण सत्र का नेतृत्व किया

जयप्रकाश अग्रवाल

तेजपुर 21 जुलाई(असम.समाचार)

हाल ही में गुजरात के केवड़िया मे देश के सभी मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों (वीसी) सम्मेलन के दौरान उच्च शिक्षा संस्थानों में समानता को बढ़ावा देने और एक समावेशी आपसी समतामूलक वातावरण को बढ़ावा देने को लेकर एक रोडमैप तैयार करने में समन्वय संस्थान के रूप में तेजपुर विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 10 से 11 जुलाई, तक आयोजित इस सम्मेलन मे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार, शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों (सीयू) के कुलपति और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सम्मेलन में उच्च शिक्षा के प्रमुख पहलुओं – शिक्षण/अधिगम, अनुसंधान और शासन – को दस विषयगत सत्रों में शामिल किया गया। इन सत्रों के आधार पर, सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को दस समूहों में विभाजित किया गया। तेज़पुर विश्वविद्यालय ने पाँचवें समूह का नेतृत्व किया, जिसमें बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक भागीदार विश्वविद्यालय थे। अन्य प्रमुख विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, इग्नू, पंजाब विश्वविद्यालय, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली, बीएचयू, एएमयू, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और राजस्थान विश्वविद्यालय थे। तेज़पुर विश्वविद्यालय के सत्र का नेतृत्व करते हुए कुलपति प्रो. शंभू नाथ सिंह ने उच्च शिक्षा में समानता में बाधा डालने वाले कारकों पर ध्यान केंद्रित किया और मौजूदा कमियों को पाटने के उद्देश्य से परिवर्तनकारी पहलों पर प्रकाश डाला। चर्चा में इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए सुझावात्मक दृष्टिकोणों की भी खोज की गई। गौरतलब है कि उक्त सम्मेलन मे तेजपुर विश्वविद्यालय पूर्वोत्तर क्षेत्र का एकमात्र विश्वविद्यालय था जिसने कार्यक्रम के दौरान कुलपतियों के सम्मेलन में प्रस्तुति का नेतृत्व किया। प्रो. सिंह ने आगे विस्तार से बताया कि उच्च शिक्षा में समानता की अवधारणा में तीन परस्पर जुड़े आयाम शामिल हैं: पहुँच की समानता, भागीदारी और अनुभव की समानता, और परिणामों की समानता। उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षा प्रणाली के विस्तार में सराहनीय प्रगति के बावजूद, भारत भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक आधार पर गहरी असमानताओं का सामना कर रहा है। उल्लेखनीय है की शिक्षा मंत्रालय द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श और उच्च शिक्षा क्षेत्र मे सुधार के लिए प्रतिवर्ष कुलपति सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।

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