तामूलपुर में ‘देशभक्ति दिवस’ का आयोजन, स्वतंत्रता सेनानी तरुणराम फुकन को श्रद्धांजलि
“महात्मा गांधी जब असम आए और फुकन के ड्रॉइंग रूम में बाघ का सिर देखा, तो उन्होंने इसकी ओर संकेत किया। फुकन ने स्वयं कहा कि बाघ उनके घर की बाड़ी में पशुओं को मारता था, इसलिए उसका शिकार करना पड़ा। लेकिन गांधीजी की उपस्थिति में उन्होंने वचन दिया कि अब से वे शिकार छोड़ देंगे।”

सेंकी अग्रवाल गोरेश्वर 28 जुलाई/असम.समाचार
असम सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों की तरह तामूलपुर में भी स्वतंत्रता सेनानी तरुणराम फुकन की 86वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पांचवां ‘देशभक्ति दिवस’ धूमधाम से मनाया गया। महकमा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उद्योग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम जिला आयुक्त कार्यालय के सभागृह में आयोजित हुआ।
समारोह की शुरुआत असम के जातीय संगीत से हुई। इसके बाद मुख्य अतिथि एवं जिला आयुक्त पंकज चक्रवर्ती, बिटीसी के कार्यकारी सदस्य डॉ. धर्मनारायण दास, पारिषद हेमंत कुमार राभा, वार्तापखिली के संपादक एवं विशेष वक्ता ब्रजेन्द्रनाथ डेका, अतिरिक्त आयुक्त डॉ. दीपांकर नाथ और हेमाश्री खनिकर ने दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्य अतिथि पंकज चक्रवर्ती ने तरुणराम फुकन के जीवन और आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे अपने समय में एक सम्मानित ‘सेलिब्रिटी’ थे, जिनका नाम पूरे भारतवर्ष में गूंजता था। उन्होंने छात्रों से फुकन के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके बारे में लिखी पुस्तकों का अध्ययन करने का आह्वान किया।
अपने संबोधन में चक्रवर्ती ने महात्मा गांधी और तरुणराम फुकन के बीच हुई एक घटना का जिक्र करते हुए कहा,
“महात्मा गांधी जब असम आए और फुकन के ड्रॉइंग रूम में बाघ का सिर देखा, तो उन्होंने इसकी ओर संकेत किया। फुकन ने स्वयं कहा कि बाघ उनके घर की बाड़ी में पशुओं को मारता था, इसलिए उसका शिकार करना पड़ा। लेकिन गांधीजी की उपस्थिति में उन्होंने वचन दिया कि अब से वे शिकार छोड़ देंगे।”
विशेष वक्ता ब्रजेन्द्रनाथ डेका ने कहा,
“तरुणराम फुकन असम का अनमोल रत्न हैं। असहयोग आंदोलन के दौरान उन्होंने जो कष्ट सहे और जो योगदान दिया, वह देश की स्मृति में अमर रहेगा।”
इस अवसर पर तामूलपुर हाई स्कूल की छात्राओं शाहबिना पारबीन, मांपी डे और आबेदा बेगम ने भी फुकन से संबंधित अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का संचालन सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी विजय बेजबरुआ ने किया। समापन पर अतिरिक्त जिला आयुक्त डॉ. दीपांकर नाथ ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह संपन्न हुआ।