अवैध घुसपैठ के खिलाफ 2,500 किमी पदयात्रा: दिल्ली की ओर बढ़ते डेविड मुरासिंग पहुंचे कोकराझार
कहा - त्रिपुरा की जनसांख्यिकीय स्थिति बदलने से राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंडरा रहा है खतरा

कनक चन्द्र बोरो
कोकराझार, 30 जुलाई/असम.समाचार
त्रिपुरा में अवैध घुसपैठ के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के उद्देश्य से निकाली गई 2,500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के तहत त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (TTAADC) के जोनल चेयरमैन एवं टिपरा मोथा नेता डेविड मुरासिंग के नेतृत्व में 12 सदस्यीय दल सोमवार को कोकराझार पहुंचा। यह पदयात्रा 5 जुलाई को अगरतला से शुरू हुई थी और दिल्ली के जन्तर-मंतर तक जाएगी।
मुरासिंग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि त्रिपुरा में पिछले 75 वर्षों से अवैध घुसपैठ का मुद्दा लंबित है, जो अब न केवल राज्य बल्कि पूरे पूर्वोत्तर और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है।
” हम दिल्ली इसलिए जा रहे हैं ताकि केंद्र सरकार से इस पर सख्त और प्रभावी कार्रवाई की मांग कर सकें। यह केवल त्रिपुरा का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट है,” डेविड मुरासिंग, चेयरमैन, TTAADC
उन्होंने यह भी कहा कि लगातार हो रहे जनसंख्यात्मक परिवर्तन से त्रिपुरा के मूल निवासियों की सांस्कृतिक पहचान खतरे में पड़ रही है।
मुरासिंग ने 2014 में हुए ‘टिपरासा समझौते’ के क्रियान्वयन में देरी पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “उस समझौते में छह महीने के भीतर कार्रवाई का वादा किया गया था, लेकिन एक दशक बीत गया और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।”
पदयात्रा को टिपरा मोथा पार्टी (TMP) प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य का पूर्ण नैतिक एवं राजनीतिक समर्थन प्राप्त है। मुरासिंग ने कहा, “हमारे नेता प्रद्योत माणिक्य ने हमें आशीर्वाद देकर रवाना किया था। हम टिपरासा जनता की आशाओं और आवाज़ों को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।”
यात्रा अब तक सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है और रास्ते में विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनजातीय समूहों से समर्थन प्राप्त कर रही है। दिल्ली पहुंचने पर, मुरासिंग प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपेंगे जिसमें घुसपैठ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और पूर्व में किए गए वादों के कार्यान्वयन की मांग की जाएगी।