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श्रद्धा और समर्पण का संगम : नीलकंठ कावड़ संघ-2 का भव्य जत्था बाबा बैद्यनाथ धाम रवाना

यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामूहिक एकता, अनुशासन और भक्ति की सजीव परंपरा है।

ओमप्रकाश शर्मा,

गुवाहाटी, 20 जुलाई (असम.समाचार)

 

सावन मास की आस्था और भक्ति को जीवंत करते हुए नीलकंठ कावड़ संघ-2 का लगभग 145 श्रद्धालुओं का विशाल जत्था आज बाबा बैद्यनाथ धाम की श्रावणी कावड़ यात्रा के लिए गुवाहाटी से मंगलपूर्वक रवाना हुआ।

संघ के संचालक मुरारीलाल चोपदार ने बताया कि यह संघ इस वर्ष अपनी 29वीं कावड़ यात्रा पूर्ण कर रहा है। इस यात्रा में गुवाहाटी के अलावा राजस्थान, कोलकाता, दिल्ली, बनारस और जलपाईगुड़ी से आए श्रद्धालु शामिल हैं, जो एकजुट होकर आस्था की मिसाल पेश कर रहे हैं।

यात्रा का कार्यक्रम

19 जुलाई को कांवड़िए ब्रह्मपुत्रा मेल से सुल्तानगंज के लिए रवाना हुए।

20 जुलाई को गंगा जल भरकर बाबा की नगरी देवघर के लिए पदयात्रा शुरू करेंगे।

25 जुलाई को बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ को जल अर्पण किया जाएगा।

27 जुलाई को जत्था पुनः गुवाहाटी लौटेगा।

कठिन तपस्या और तैयारियां

छह दिवसीय इस पुण्यदायक यात्रा में श्रद्धालु प्रतिदिन औसतन 16-20 किलोमीटर, कुल 105 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। यात्रा के दौरान 5 स्थानों पर रात्रि विश्राम की सुव्यवस्थित व्यवस्था की गई है।

संघ के मंत्री शंकर बिड़ला के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी कावड़ यात्रा साबित हो रही है। इस बार कांवड़ियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। देवघर क्षेत्र में हाल की झमाझम वर्षा ने यात्रा को और अधिक आध्यात्मिक और शीतल बना दिया है।

विशेष योगदान और प्रेरणा

संघ के कर्मठ सदस्य संजीत धुत ने व्यवस्थाओं और अनुशासन को बनाए रखने में निःस्वार्थ भाव से अहम भूमिका निभाई है। वहीं संघ के संस्थापक गणेशमल नाहटा हर वर्ष अपने परिवार सहित इस यात्रा में सहभागी होकर इसे पारिवारिक एकता और धार्मिक संस्कारों की मिसाल बना रहे हैं।

यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामूहिक एकता, अनुशासन और भक्ति की सजीव परंपरा है।

 

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