असम में बीफ की अवैध बिक्री पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, कई जिलों में छापेमारी – दो गिरफ्तार, मांस जब्त

गुवाहाटी 1 जुलाई (असम.समाचार)
असम पुलिस ने राज्य में बीफ (गौमांस) की अवैध बिक्री के खिलाफ व्यापक अभियान चलाते हुए कई जिलों में एकसाथ छापेमारी की है। यह कार्रवाई असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के तहत की गई, जो मंदिरों और बहुसंख्यक हिंदू आबादी वाले क्षेत्रों में गायों के वध और बीफ की बिक्री को सख्ती से प्रतिबंधित करता है।
पुलिस ने कोकराझार, दक्षिण कामरूप, गुवाहाटी, नगांव और डिब्रूगढ़ जिलों में छापे मारे। इन छापों के दौरान पका और कच्चा मांस बरामद किया गया, जिसे बीफ होने का संदेह है। कोकराझार जिले में पुलिस ने चार होटलों की तलाशी ली, जबकि दक्षिण कामरूप के NH-17 मार्ग पर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। कई अन्य व्यक्ति कार्रवाई के दौरान भागने में सफल रहे।
पृष्ठभूमि में ईद पर उपजे तनाव यह कार्रवाई हाल ही में ईद के दौरान हुए कथित अवैध मवेशी वध की घटनाओं के मद्देनजर की गई है। तब राज्यभर से शिकायतें सामने आई थीं, जिनमें 16 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। उस समय भी मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा ने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया था।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा है, “राज्य सरकार सभी धर्मों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करती है, लेकिन कानून के उल्लंघन की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। यदि कोई व्यक्ति या संस्था असम मवेशी संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उसे सख्त दंड भुगतना होगा।”
असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के प्रमुख बिंदु:
मंदिर या धर्मस्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में मवेशी वध और बीफ बिक्री पर रोक।
बहुसंख्यक हिंदू आबादी वाले क्षेत्रों में मवेशी वध, बीफ की ढुलाई और परोसने की मनाही।
नियम तोड़ने पर सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान।
स्थानीय प्रतिक्रिया कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ नागरिकों ने इसे “धार्मिक भावनाओं की रक्षा” के लिए आवश्यक कदम बताया, वहीं कुछ सामाजिक संगठनों ने निष्पक्ष और संतुलित कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई जारी पुलिस ने बरामद मांस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। फरार आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए CCTV फुटेज और स्थानीय सूत्रों की मदद ली जा रही है। प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा भी बढ़ा दी है।