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विश्व सर्प दिवस 2025 पर तेजपुर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

जयप्रकाश अग्रवाल

तेजपुर, 18 जुलाई (असम.समाचार)

विश्व सर्प दिवस 2025 के अवसर पर तेजपुर के असोमिया क्लब के बलिराम लहकर हॉल में तीसरे वार्षिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन प्रकृति प्रेमी और सर्प विशेषज्ञ सौरव बरकतकी और उनकी टीम द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तेजपुर नगरपालिका की पूर्व अध्यक्षया पुष्पा डेका ने की।

मुख्य वक्ता के रूप में सौरव बरकतकी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यापक जागरूकता अभियानों की बदौलत असम में सर्पदंश से होने वाली मौतों में लगातार गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि 2022 में साँप के काटने से 150 लोगों की मौत हुई थी, जो 2023 में घटकर 37 और 2024 में 36 रह गई। वर्ष 2025 में अब तक यह आंकड़ा केवल 14 है।

बरकतकी ने कहा कि विश्व सर्प दिवस का मुख्य उद्देश्य साँपों को लेकर फैली गलतफहमियों और डर को दूर करना, उनकी प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ावा देना और उनके पर्यावरणीय महत्व को समझाना है। उन्होंने बताया कि दुनिया में लगभग 3,000 प्रजातियों के साँप पाए जाते हैं, जिनमें केवल 600 प्रजातियाँ ज़हरीली हैं और लगभग 200 ही इंसानों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं।

बरकतकी ने पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहाँ लगभग 130 से 150 प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि रसेल वाइपर, जो असम में आम तौर पर नहीं पाया जाता, अब यहाँ देखा जा रहा है। पाँच रसेल वाइपर उनकी टीम द्वारा सोनितपुर के विभिन्न स्थानों से पकड़कर गुवाहाटी चिड़ियाघर में छोड़े गए हैं।

बरकतकी ने कहा कि साँप चूहों और अन्य कीटों की संख्या नियंत्रित कर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि आवास विनाश, जलवायु परिवर्तन और अंधविश्वासों के चलते कई साँप प्रजातियाँ खतरे में हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि सर्पदंश की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें और पारंपरिक इलाज या अंधविश्वासों पर निर्भर न रहें।

मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कांत बोरा ने सर्प विष के चिकित्सा और मानव कल्याण में उपयोग पर जानकारी साझा की। इस अवसर पर डॉ. भबानी भुयान, सेवानिवृत्त जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. तीरोथ सिंह, पुलिस अधिकारी राहुल गोगोई और नर्स ज्योति छेत्री को सौरव बरकतकी की टीम द्वारा सम्मानित किया गया।

सर्प संरक्षण में योगदान देने वाले राज्यभर के संरक्षणकर्ताओं को “टीम सौरव बरकतकी” पुरस्कार से नवाजा गया। उल्लेखनीय है कि बरकतकी अब तक 4,000 से अधिक विषैले और दुर्लभ साँपों को सुरक्षित बचा चुके हैं और 500 से अधिक घायल साँपों का इलाज कर उन्हें जंगल में छोड़ चुके हैं। उनकी टीम में आज 300 से अधिक युवा सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

गौरतलब है कि विश्व सर्प दिवस पहली बार 2018 में रेप्टाइल सोसाइटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य सर्प संरक्षण, शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना है।

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