कारगिल विजय दिवस 2025 : गुवाहाटी में शहीदों को श्रद्धांजलि
पूरे देशभर में आज कारगिल विजय दिवस हर्ष और गर्व के साथ मनाया गया। 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक जीत को याद करते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई

विकास दाधीच/असम.समाचार
गुवाहाटी, 26 जुलाई 2025
पूरे देशभर में आज कारगिल विजय दिवस हर्ष और गर्व के साथ मनाया गया। 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक जीत को याद करते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दिन ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता को स्मरण किया जाता है, जिसके तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर रणनीतिक चोटियों पर पुनः नियंत्रण प्राप्त किया था।
राज्य सैनिक कल्याण निदेशालय, असम द्वारा राज्य युद्ध स्मारक, दिगलीपुखुरी, गुवाहाटी में एक भव्य श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य थे। उन्हें एनसीसी गार्ड द्वारा जनरल सलामी और “बग़ल वेलकम” के साथ सैन्य सम्मान दिया गया। राज्यपाल ने अमर जवान स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर कारगिल के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री असम की ओर से पुष्पचक्र अर्पित किया ब्रिगेडियर पोलाश चौधरी, सेना मेडल (सेवानिवृत्त), निदेशक, सैनिक कल्याण, असम, जिन्होंने कारगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था। भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रतिनिधियों ने भी शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी।
ब्रिगेडियर रंजीत बोरठाकुर, एसएम (सेवानिवृत्त), कमोडोर के. सी. चौधरी, वीएसएम (सेवानिवृत्त), तथा ग्रुप कैप्टन देबानंद गोहाइ (सेवानिवृत्त) ने अपनी-अपनी सेनाओं की ओर से पुष्पचक्र अर्पित किए।
पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, वीर माताओं और कारगिल वीरों के परिवारों ने भी शहीदों को याद किया। विशेष रूप से कर्नल दिलीप कुमार बोरा (सेवानिवृत्त), जो कारगिल युद्ध के दौरान 18 ग्रेनेडियर्स के कमांडिंग ऑफिसर थे, ने श्रद्धांजलि अर्पित की और युद्ध के अपने अनुभव साझा किए।
समारोह में वीर नारियों और वीर माताओं को सम्मानित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल आर. पी. कलिता, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल पी. के. भराली, वीएसएम (सेवानिवृत्त) ने भावपूर्ण संबोधन देते हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के अदम्य साहस और बलिदान को याद किया।
अपने मुख्य भाषण में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कारगिल शहीदों की वीरता को नमन करते हुए कहा कि उनके बलिदान ने देश का मस्तक ऊँचा किया है।
समारोह में एनसीसी कैडेट्स और आर्मी स्कूल नरेंगी के छात्रों ने देशभक्ति गीतों, भाषणों और एक देशभक्ति नाटक के माध्यम से उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया।
कारगिल विजय दिवस शहीदों की अमर गाथा और उनके अद्वितीय साहस की स्थायी याद के रूप में आज भी देशवासियों के हृदय में प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
इस आशय की जानकारी पीआरओ डिफेंस गुवाहाटी द्वारा दी गई।