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भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन जल राहत 2’ के तहत पूर्वोत्तर में किया बाढ़ राहत कार्य शुरू

डिमापुर/गोलाघाट/इम्फाल, 10 जुलाई

असम ब्यूरो

भारी बारिश और शहरी बाढ़ के चलते पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन जल राहत 2’ के तहत नागालैंड, असम और मणिपुर में व्यापक मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू कर दिया है। यह अभियान मुख्यालय इंस्पेक्टर जनरल असम राइफल्स (उत्तर) [HQ IGAR (N)] के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।

नागालैंड (डिमापुर)

डिमापुर जिले के सिंग्रीजन कॉलोनी, जो बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक है, में राहत कार्य के लिए 10 जुलाई को डिप्टी कमिश्नर द्वारा सेना की सहायता मांगी गई थी। तत्परता दिखाते हुए सेना ने इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) की टीम तैनात की। हालांकि दिन में बाद में मौखिक रूप से सेना की सेवाओं को वापस लेने की सूचना दी गई, फिर भी सेना मुख्यालय IGAR (N) में फ्लड रिलीफ कंट्रोल सेंटर के माध्यम से पूरी तरह सतर्क और तैयार बनी हुई है।

असम

असम के गोलाघाट जिले में धनसिरी नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी। यद्यपि अब जलस्तर में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है, फिर भी सेना स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है और किसी भी आकस्मिक आवश्यकता की स्थिति में तत्पर रहने को तैयार है।

मणिपुर

इसी प्रकार मणिपुर में नंबोल नदी ने भी इंफाल वेस्ट और बिष्णुपुर जिलों में अपना रौद्र रूप दिखाया। वर्तमान में बाढ़ का पानी उतर रहा है, लेकिन सेना स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सक्रिय राहत कार्यों में जुटी हुई है।

बाढ़ राहत कार्य: मुख्य आँकड़े (10 जुलाई 2025 तक)

राहत कॉलम तैनात: 40 (मुख्य – 24, रिज़र्व – 16)

अब तक बचाए गए नागरिक: 3,820

वितरित खाद्य पैकेट: 1,361

प्रदान की गई चिकित्सकीय सहायता: 2,095 लोगों को

वितरित जल बोतलें: 15,421जन सेवा हेतु समर्पण

भारतीय सेना प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिकों की सहायता हेतु सदैव प्रतिबद्ध रही है। समय पर हस्तक्षेप, तीव्र संसाधन जुटाव और नागरिक प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय के माध्यम से सेना लगातार उत्तर-पूर्व के प्रभावित क्षेत्रों में जीवनरक्षक सहायता और आवश्यक राहत प्रदान कर रही है।

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