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नगांव:रोहा में 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का भव्य शुभारंभ, सैकड़ों बच्चों ने लिया हिस्सा

सोयल खेतान, रोहा

नगांव 10 जुलाई(असम.समाचार)

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रोहा में गर्मियों की छुट्टियों के बीच रचनात्मकता और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का शुभारंभ बुधवार को किया गया। यह कार्यशाला असम सरकार के सांस्कृतिक परिक्रमा विभाग, रोहा समजिला, नगांव जिला प्रशासन तथा शिशु अनुष्ठान अकनिर कविता घर असम केंद्रीय समिति, रोहा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है।

कार्यशाला का उद्घाटन नगांव के जिला आयुक्त देवाशिष शर्मा ने रोहा मजलिया विद्यालय प्रांगण में प्रातः 11 बजे दीप प्रज्वलन कर किया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने कहा, “यदि जड़ें मजबूत हों तो हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं, वरना साधारण सी हवा भी हमें उखाड़ सकती है।” उन्होंने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस मंच से बच्चे शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

इस कार्यशाला में बच्चों को टेराकोटा कला (भास्कर्य व मृत शिल्प) और सत्रिया नृत्य जैसे पारंपरिक कलारूपों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन अकनिर कविता घर असम केंद्रीय समिति, रोहा के प्रधान सचिव रंटु मुदै ने किया। समारोह के दौरान संस्था के नन्हें-मुन्ने कलाकारों ने गीत, नृत्य और कविता पाठ प्रस्तुत कर सभी अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विशिष्ट अतिथियों में रोहा समजिला सह आयुक्त तथा कार्यशाला चेयरपर्सन जेबिन गोलनार, सह आयुक्त अनुरन मेधी, रोहा राजस्व चक्र अधिकारी शुप्रभा रॉय, कार्यशाला आयोजन समिति सदस्य डॉ. वेद कुमार चलीहा, रोहा पौरसभा उप-पौरपति अनिमा दास, सांस्कृतिक कर्मी विमान गांवखोबा, संचालक शिशुप्रिय अवनि कुमार सईकीया सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

इस कार्यशाला में कक्षा 5वीं से 10वीं तक के सैकड़ों छात्र-छात्राएं, उनके अभिभावकगण, एकेजी के शिक्षक-शिक्षयात्री, वरिष्ठ नागरिक, तथा स्थानीय अनुष्ठान प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की भव्यता और बच्चों की प्रतिभा ने दर्शाया कि रोहा में सांस्कृतिक चेतना और सृजनात्मकता का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित है।

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