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भारत के लिए ऐतिहासिक दिन’41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में’ अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला ने भेजा पहला संदेश

Axiom-4 मिशन के सफलतापूर्वक लॉन्च होने के बाद भारत के अपने अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला रोमांचक संदेश भेजा है। उनके इस संदेश ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। शुभांशु ने अंतरिक्ष की ऊँचाइयों से कहा, "41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं और कमाल की राइड थी। इस वक्त हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं और मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है।"

नई दिल्ली 25 जून(असम.समाचार)

राष्ट्रीय डेस्क

 

भारत के लिए 25 जून का दिन एक ऐतिहासिक दिन बन गया है। एक लंबे इंतज़ार के बाद Axiom-4 Mission लॉन्च कर दिया गया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए शुभांशु शुक्ला अपनी टीम के साथ रवाना हो गए हैं। यहां पर वे 14 दिन तक रहेंगे। पूरे देश के लिए आज का दिन गर्व और गौरव से भरा है।

 

  • अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश-

Axiom-4 मिशन के सफलतापूर्वक लॉन्च होने के बाद भारत के अपने अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला रोमांचक संदेश भेजा है। उनके इस संदेश ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। शुभांशु ने अंतरिक्ष की ऊँचाइयों से कहा, 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं और कमाल की राइड थी। इस वक्त हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं और मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है।”

 

  • शुभांशु के पिता बोले-

अंतरिक्ष मे रवाना होने से पहले शुभांशु  शुक्ला के पिता ने शंभू दयाल  कहा कि, “मेरे बेटे की उपलब्धि न केवल लखनऊ नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है।” उन्होंने आगे कहा, “हम शुभांशु के मिशन को लॉन्च होते देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं. हम बहुत खुश हैं. हमारा आशीर्वाद उनके साथ है और हम ईश्वर से भी प्रार्थना करते हैं कि उनका मिशन अच्छी तरह से पूरा हो। वह पूरी तरह से तैयार हैं, उनके लिए लगाए गए सभी पोस्टर देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। वह लखनऊ, राज्य और हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है।”

 

यह मिशन भारत के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

1. वैज्ञानिक और अनुसंधान क्षेत्र में प्रगति

Axiom-4 मिशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे. इनमें 31 देशों के वैज्ञानिक और संस्थान शामिल हैं. भारत और NASA के संयुक्त सहयोग से 12 प्रयोग होंगे, जिनमें 7 भारतीय और 5 अमेरिकी अनुसंधान परियोजनाएं शामिल हैं. ये प्रयोग मुख्यतः जैविक विज्ञान, मानव स्वास्थ्य, अंतरिक्ष जीवन प्रणाली और अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित होंगे.

 

क्रू में और कौन-कौन है शामिल? 

एक्सिओम मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्री आईएसएस के लिए रवाना हुए हैं. इसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे, नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान के निदेशक पैगी व्हिटसन मिशन की कमान संभालेंगे, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के परियोजना अंतरिक्ष यात्री पोलैंड के स्लावोस्ज उज़्नान्स्की-विस्नेवस्की और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू दोनों मिशन विशेषज्ञ के रूप में काम करेंगे.

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