असम

असम मंत्रिमंडल की अहम बैठक: गजा मित्र योजना से लेकर विश्वविद्यालय नाम परिवर्तन तक लिए गए कई बड़े फैसले,निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम,

विकास शर्मा

गुवाहाटी 10 जुलाई (असम.समाचार)

राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनहित से जुड़ी अनेक अहम योजनाओं और नीतिगत निर्णयों को मंजूरी दी गई। बैठक में मानव-हाथी संघर्ष से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, सामाजिक कल्याण और प्रशासनिक ढांचे तक कई क्षेत्रों में बड़े फैसले लिए गए।

मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए ‘गजा मित्र योजना’ को मिली हरी झंडी

मंत्रिमंडल ने राज्य के आठ सबसे अधिक हाथी संघर्ष प्रभावित जिलों — गोलपाड़ा, उदालगुरी, नगांव, बक्सा, सोनितपुर, गोलाघाट, जोरहाट और बिस्वनाथ — में ‘गजा मित्र योजना’ को लागू करने का निर्णय लिया है।
इस योजना के तहत 80 संवेदनशील गांवों में 8-8 स्थानीय लोगों की सामुदायिक त्वरित प्रतिक्रिया टीम गठित की जाएगी। ये दल आगामी छह महीनों तक, खासकर धान की फसल के मौसम में, वन विभाग की सहायता से संघर्ष कम करने में योगदान देंगे।

गाँव प्रधानों का मानदेय बढ़ा,
अब मिलेंगे 14,000 प्रति माह

गाँव प्रधानों की भूमिका और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए उनका मासिक मानदेय 9,000 से बढ़ाकर 14,000 कर दिया गया है। यह वृद्धि 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी और इसमें वन गांवों के प्रधान भी शामिल होंगे।

लखीमपुर के दो गांव होंगे डि-नोटिफाई

जनगणना आंकड़ों के आधार पर लखीमपुर जिले के मोरनोई बेबेजिया और बेबेजिया गांवों को संरक्षित क्षेत्र की सूची से बाहर किया जाएगा, क्योंकि इन गांवों में संरक्षित समुदाय की आबादी 5% से कम है।

उदासीन भकताओं को 1500 मासिक भत्ता

सत्रों में रहने वाले योग्य अविवाहित भकताओं (उदासीन सम्प्रदाय) को सरकार द्वारा 1500 प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह निर्णय उनकी परंपरागत भूमिका के सम्मान और संरक्षण हेतु लिया गया है।

निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम, एसओपी को मंजूरी

निजी अस्पतालों में दबावपूर्ण वसूली प्रथाओं को रोकने के लिए मंत्रिमंडल ने एक सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को स्वीकृति दी।
मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:

मृत शरीर को दो घंटे में सौंपना अनिवार्य, भुगतान लंबित होने पर भी नहीं रोका जा सकता।

104 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी।

दोषी अस्पतालों पर ₹5 लाख तक जुर्माना, लाइसेंस निलंबन, या ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई हो सकेगी।

बेल मेटल उद्योगों को SGST में राहत

राज्य के पारंपरिक बेल मेटल निर्माताओं को SGST की राशि वापस करने हेतु ‘बेल मेटल रिइम्बर्समेंट योजना, 2025’ लागू की जाएगी। इससे इन कारीगरों को आर्थिक राहत मिलेगी।

‘प्रेरणा आसनी’ योजना – दसवीं के छात्रों को ₹300 प्रतिमाह सहायता

ASSEB से संबद्ध स्कूलों में पढ़ने वाले सभी कक्षा 10 के छात्रों को HSLC परीक्षा 2026 तक ₹300 प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी। यह राशि DBT के माध्यम से सीधे छात्रों के खातों में भेजी जाएगी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को राहत

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹1500 और सहायिकाओं को ₹750 की राज्य प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की गई है।
अब से इनका मासिक मानदेय क्रमशः ₹8000 और ₹4000 होगा। यह फैसला भी 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।

रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का नाम बदलेगा

मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि ‘रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय’ का नाम बदलकर ‘रवींद्रनाथ ठाकुर विश्वविद्यालय’ किया जाएगा, जिससे नामांकन में भारतीयता और भाषा की स्थानीय पहचान को बल मिलेगा।

यह सभी फैसले राज्य के सामाजिक-सांस्कृतिक, प्रशासनिक व आर्थिक परिदृश्य को सकारात्मक दिशा देने की मंशा से लिए गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि ये योजनाएं चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएंगी।

 

 

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