इनकम टैक्स विभाग ने फर्जी छूट दावों पर कसा शिकंजा आईटीआर तैयार करने वाले कुछ बिचौलियों द्वारा संचालित संगठित रैकेट का भंडाफोड़, 1045 करोड़ के फर्जी दावे उजागर

राष्ट्रीय डेस्क
नई दिल्ली, 14 जुलाई (असम.समाचार)
इनकम टैक्स विभाग ने आज देशभर के कई स्थानों पर एक बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य आयकर रिटर्न (आईटीआर) में फर्जी छूट व कटौती दावों को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं पर कार्रवाई करना है।
विभागीय जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कुछ पेशेवर आईटीआर फाइलर और बिचौलिए संगठित गिरोह बनाकर फर्जी छूटों के जरिए रिफंड हासिल कर रहे थे। इनमें टैक्स की धारा 10(13ए), 80जीजीसी, 80ई, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80जीजीए और 80डीडीबी के तहत दी जाने वाली छूटों का दुरुपयोग शामिल है।
इन रैकेटों के जरिए बड़े पैमाने पर झूठे टीडीएस विवरण दायर कर अधिक रिफंड प्राप्त करने की कोशिशें की गईं। विभाग ने तीसरे पक्ष से प्राप्त वित्तीय आंकड़ों, जमीन-स्तर की खुफिया जानकारियों और एआई आधारित डेटा विश्लेषण के जरिए संदेहास्पद रुझानों की पहचान की।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्यप्रदेश में हुई हालिया छापेमारी में इस फर्जीवाड़े से संबंधित डिजिटल और दस्तावेजी सबूत भी बरामद हुए हैं। जांच में एमएनसी, पीएसयू, सरकारी विभागों, शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारी और उद्यमी तक इस गोरखधंधे में लिप्त पाए गए हैं।
फर्जी रिटर्न दाखिल करने के बदले में एजेंट मोटा रिफंड दिलाने का लालच देकर कमीशन वसूलते थे। कई मामलों में देखा गया कि आईटीआर भरने वाले एजेंट अस्थायी ईमेल आईडी बनाकर बड़े पैमाने पर रिटर्न फाइल करते थे, जिससे बाद में विभाग की नोटिसें बिना पढ़े रह जाती थीं।
इनकम टैक्स विभाग ने “ट्रस्ट टैक्सपेयर्स फर्स्ट” नीति के तहत स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करते हुए बीते एक वर्ष में एसएमएस, ईमेल, और भौतिक कार्यक्रमों के माध्यम से व्यापक जागरूकता अभियान चलाया। इसके परिणामस्वरूप, पिछले चार महीनों में करीब 40,000 टैक्सपेयर्स ने अपने आईटीआर संशोधित कर ₹1,045 करोड़ के फर्जी दावे वापस लिए।
हालांकि, बड़ी संख्या में करदाता अभी भी इन रैकेटों के प्रभाव में आकर गलत दावे कर रहे हैं। ऐसे मामलों में विभाग अब सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। इसमें जुर्माना, कानूनी कार्रवाई और अभियोजन शामिल होंगे।
वर्तमान में चल रही जांच के तहत 150 से अधिक परिसरों में सत्यापन कार्य जारी है, जहां से डिजिटल रिकॉर्ड सहित कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की उम्मीद है।
इनकम टैक्स विभाग ने करदाताओं से पुनः अपील की है कि वे केवल अधिकृत माध्यमों से सही विवरण प्रस्तुत करें और किसी अनाधिकृत एजेंट के बहकावे में आकर फर्जी रिफंड का प्रयास न करें।