पॉलिटिकल तड़का

भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया का बयान – “अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान निरंतर जारी रहेगा, असम की भूमि, लोग और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा हमारा संकल्प”

सत्रों पर हो रहा है सुनियोजित कब्ज़ा, असम की पहचान को मिटाने की साजिश – दिलीप सैकिया

गुवाहाटी 5 जुलाई (असम.समाचार)

विकास शर्मा

 

“सत्रों पर हो रहा है सुनियोजित कब्ज़ा, असम की पहचान को मिटाने की साजिश” – दिलीप सैकिया

भारतीय जनता पार्टी, असम प्रदेश के अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने आज जोर देकर कहा कि प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर — सत्र संस्थाएं — भारी अतिक्रमण की शिकार हो रही हैं। राज्य में कुल 922 सत्रों पर अवैध कब्जा हो चुका है। उन्होंने कहा कि भाजपा और राज्य सरकार इन पवित्र स्थलों की पुरानी गरिमा को पुनर्स्थापित करने हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

दिलीप सैकिया ने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद 69 वर्षों तक असम में कांग्रेस का शासन रहा, लेकिन इस दौरान स्थानीय जनजातीय और मूल निवासियों के हितों की अनदेखी की गई। एक विशेष धार्मिक समुदाय को वोट बैंक के रूप में उपयोग करते हुए कांग्रेस ने अवैध घुसपैठियों को संरक्षण दिया, जिसके कारण आज असम के हजारों बीघा ज़मीन पर अतिक्रमण हो चुका है।

उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि बरपेटा में 7,137 बीघा, बाजली में 2,757.39 बीघा, नगांव में 2,583.79 बीघा और लखीमपुर में 896.76 बीघा सत्र भूमि अवैध कब्जाधारियों के नियंत्रण में है।

दिलीप सैकिया ने कहा, “जब गरुखुटी परियोजना से अतिक्रमण हटाया गया, तब कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया। क्या यह असम के स्वाभिमान के अनुरूप था?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता देबव्रत सैकिया ने विधानसभा में कहा था कि “लोअर असम के मुसलमान अपर असम की ओर बढ़ेंगे” — जो राज्य की जनसंख्या-संरचना को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है।

उन्होंने जनगणना आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि धुबरी जिले में 2001 में जहाँ 5 लाख हिंदू थे, वहीं 2011 तक यह संख्या घटकर 3.5 लाख रह गई। एक लाख पचास हजार हिंदुओं का पलायन यह दर्शाता है कि अवैध घुसपैठ और अतिक्रमण ने स्थानीय आबादी को विस्थापित कर दिया है।

भाजपा अध्यक्ष ने विपक्षी नेताओं को खुली चुनौती दी कि अगर कांग्रेस के पास साहस है तो उसके नेता गोरव गोगोई और रकीबुल हुसैन सार्वजनिक रूप से अतिक्रमणकारियों से ज़मीन खाली करने की अपील करें।

उन्होंने यह भी पूछा कि गोलपाड़ा जिले के लखीपुर राजस्व सर्कल के लखीमा गांव से राभा और गारो समुदाय क्यों लुप्त हो गए? क्या कांग्रेस इसके जवाब दे सकती है?

दिलीप सैकिया ने कहा कि ‘मिशन भूमिपुत्र’ के माध्यम से स्थानीय लोगों को भूमि अधिकार और पट्टे दिये जा रहे हैं, वहीं सत्र भूमि से अतिक्रमण हटाने की दिशा में भी निर्णायक कार्यवाही की जा रही है।

“हमारी सरकार और पार्टी असम की पहचान, संस्कृति और भूमि की रक्षा हेतु कटिबद्ध है। यह अभियान रुकने वाला नहीं है। यह हमारी अस्मिता की लड़ाई है, जिसे हम अंत तक लड़ेंगे,” दिलीप सैकिया ने जोर देकर कहा। इस आशय की जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।

 

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