असम

असम के मुख्यमंत्री ने अमिनगांव में नवनिर्मित जिला न्यायालय परिसर का किया उद्घाटन

गुवाहाटी 1 अगस्त/असम.समाचार

राज्य सरकार द्वारा न्याय प्रणाली को अधिक सुलभ, प्रभावी और आधुनिक मानकों के अनुरूप बनाने के संकल्प के तहत मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने आज अमिनगांव में नवनिर्मित जिला न्यायालय परिसर का विधिवत उद्घाटन किया।

करीब 10 बीघा भूमि में फैले इस अत्याधुनिक न्यायिक परिसर का निर्माण 52.25 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। कुल 13,303 वर्गमीटर क्षेत्र में निर्मित इस परिसर में 15 न्यायालय कक्षों की व्यवस्था की गई है, जिनमें 14 कक्ष तत्काल कार्यरत हैं। इसमें न्यायाधीशों एवं स्टेनोग्राफरों के लिए पृथक कक्ष, कार्यालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का कार्यालय, एक सम्मेलन कक्ष और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा उपलब्ध है।

-ADVERTISEMENT-

 

अन्य आधुनिक सुविधाओं में डिजिटल पुस्तकालय, ऑडियो-विजुअल कक्ष, न्यायिक सहायता रक्षा वकीलों का कार्यालय, ई-सेवा केंद्र, संवेदनशील गवाहों हेतु विशेष कक्ष, महिला, पुरुष एवं तीसरे लिंग के लिए पृथक लॉकअप, सर्वर कक्ष, आईसीटी सुविधा, बार कक्ष और कैंटीन शामिल हैं।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि न्यायालय लोकतंत्र की आत्मा हैं, जहां नागरिकों को न केवल न्याय मिलता है, बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा भी होती है। उन्होंने कहा कि करीब एक दशक पहले कामरूप जिला न्यायालय की स्थापना हुई थी, लेकिन वादों की बढ़ती संख्या एवं वादकारियों की बढ़ती भीड़ के कारण नए न्यायालय परिसर की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जिसे अब पूर्ण कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पांच लाख से अधिक मामलों की लंबितता चिंता का विषय है और इसका एक बड़ा कारण न्यायिक ढांचे व मानव संसाधन की कमी है। उन्होंने कहा कि 2021 में असम का दोष सिद्धि दर केवल 5% था, जो अब 26% तक पहुंचा है, किंतु यह राष्ट्रीय औसत 65% से काफी कम है। इसे सुधारने के लिए संरचनात्मक सुधार आवश्यक हैं।

उन्होंने वकीलों से अपील की कि वे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्याप्त संख्या में लोक अभियोजकों की नियुक्ति हेतु कार्य कर रही है और गौहाटी उच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी से नए अभियोजकों के प्रशिक्षण में सहयोग देने का आग्रह भी किया है।

डॉ. सरमा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे तकनीकी उपकरणों को अपनाकर न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले पांच वर्षों में राज्य का दोष सिद्धि दर 65-70% तक पहुंचाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि गौहाटी उच्च न्यायालय की नई इमारत का निर्माण कार्य इसी वर्ष आरंभ किया जाएगा। साथ ही गुवाहाटी और उत्तर गुवाहाटी को जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन अगले वर्ष के पहले छमाही में संभावित है। अमिनगांव में प्रस्तावित नया स्टेडियम तैयार होने पर लगभग 5000 वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध होगी, जिससे न्यायिक समुदाय को भी सुविधा मिलेगी।

बार सदस्यों की मांग पर उन्होंने आश्वासन दिया कि नए न्यायालय परिसर में बार लाइब्रेरी भी स्थापित की जाएगी।

इस अवसर पर कानून व न्याय मंत्री रणजीत कुमार दास, गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशुतोष कुमार, न्यायमूर्ति माइकल जोथानकुमा, न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराणा, कामरूप जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौतम बरूआ, कामरूप बार एसोसिएशन के अध्यक्ष खलीलुर रहमान, समेत उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!