तेजपुर विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं के लिए अनुप्रयुक्त अर्थमिति पर कार्यशाला आयोजित

जयप्रकाश अग्रवाल
तेजपुर 21 जुलाई,(असम.समाचार)
तेजपुर विश्वविद्यालय द्वारा 14 से 19 जुलाई, तक आयोजित “अनुसंधान में अर्थमिति का अनुप्रयोग: नवीन रुझान” विषय पर छह दिवसीय अंतःविषयक लघु-अवधि पाठ्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह कार्यक्रम यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) के अंतर्गत तेजपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया था। जिसमे में विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, नागालैंड विश्वविद्यालय, रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (होजाई), बिन्नी यंगा राजकीय महिला महाविद्यालय (अरुणाचल प्रदेश), गरगांव महाविद्यालय, बिकाली महाविद्यालय, नॉर्थ बैंक महाविद्यालय, बरभाग महाविद्यालय, बोंगाईगांव महाविद्यालय, भट्टदेव विश्वविद्यालय, कलियाबोर महाविद्यालय और सोनापुर महाविद्यालय आदि शामिल थे। कार्यशाला के दौरान प्रतिनिधित्व ने आपसी विचारों और दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया। कार्यशाला के समापन सत्र मे मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शंभू नाथ सिंह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि “अर्थमिति में दक्षता अब वैकल्पिक नहीं रही—आज के डेटा-आधारित शैक्षणिक और शोध परिदृश्य में यह आवश्यक है।” उन्होंने पाठ्यक्रम के समग्र डिज़ाइन की भी सराहना की जिसमें न केवल अर्थमिति सॉफ़्टवेयर पर व्याख्यान और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल था बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी महत्वपूर्ण सत्र शामिल थे। समापन सत्र के दौरान, प्रो. शंकर चंद्र डेका, डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, प्रो. सुभ्रांशु शेखर सरकार, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशालय, डॉ. रेशमा के. तिवारी, प्रमुख, वाणिज्य विभाग, डॉ. अखिलेश कुमार, निदेशक, एमएमटीटीसी सहित अन्य शिक्षाविदों ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यशाला से सीधे ओनलाइन जुड़े लखनऊ विश्वविद्यालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, कृष्णकांत हंडिक्वी राज्य मुक्त विश्वविद्यालय, असम, आईआईआईटी गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइज हैदराबाद और तेजपुर विश्वविद्यालय के संसाधन व्यक्तियों ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत की। पाठ्यक्रम में टाइम सीरीज़ रिग्रेशन, पैनल डेटा मॉडल, रिग्रेशन डायग्नोस्टिक्स और सिमल्टेनियस इक्वेशन मॉडलिंग पर मॉड्यूल शामिल थे, साथ ही R और स्मार्टPLS का उपयोग करके व्यावहारिक सत्र भी आयोजित किए गए। एक पेपर प्रेजेंटेशन सत्र और MCQ-आधारित मूल्यांकन भी कार्यक्रम संरचना का अभिन्न अंग रहे। समग्र मूल्यांकन में 50% से अधिक अंक प्राप्त करने वालों को ग्रेडेड ई-प्रमाणपत्र जारी किए गए। जिसका का समन्वय वाणिज्य विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. फराह हुसैन ने किया।