1857 की क्रांति के अग्रदूत मंगल पांडेय की जयंती पर श्रद्धांजलि, शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति ने ‘मंगल पांडेय चौक’ पर किया आयोजन
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद मंगल पांडेय की जयंती शनिवार को घुंघुर बाईपास स्थित ‘मंगल पांडेय चौक’ पर शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति द्वारा धूमधाम से मनाई गई

योगेश दुबे
सिलचर, 19 जुलाई (असम.समाचार)
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद मंगल पांडेय की जयंती शनिवार को घुंघुर बाईपास स्थित ‘मंगल पांडेय चौक’ पर शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति द्वारा धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने मंगल पांडेय की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और दीप प्रज्वलित कर ‘भारत माता की जय’ व ‘शहीद मंगल पांडेय अमर रहें’ के जयकारे लगाए।
समारोह में समिति के अध्यक्ष उदय शंकर गोस्वामी, मार्गदर्शक मंडली के सदस्य अमिताभ राय, डॉ. बैकुंठ ग्वाला, कार्यकारी अध्यक्ष मानव सिंह, महासचिव प्रदीप कुमार कुर्मी, सिलचर के पूर्व विधायक दिलीप कुमार पाल, वरिष्ठ चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ. रंजन सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
उदय शंकर गोस्वामी ने अपने संबोधन में कहा, “मंगल पांडेय देश के उन वीर सपूतों में से हैं, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंककर स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी। उनकी प्रतिमा सिलचर में स्थापित होना हमारे लिए गर्व की बात है।”
उन्होंने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार प्रतिमा का अनावरण 19 जुलाई को होना था, परंतु अब यह अगस्त माह में होगा। “मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के हाथों प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। असम के मंत्री कौशिक राय ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से चर्चा की है और आगामी 24 अगस्त को मूर्ति अनावरण की संभावना है,” उन्होंने कहा।
अमिताभ राय ने अपने वक्तव्य में कहा कि समिति का उद्देश्य केवल प्रतिमा स्थापित करना ही नहीं, बल्कि युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करना भी है। समिति ने कार्यक्रम के दौरान चौक का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की।
ज्ञात हो कि मंगल पांडेय का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था। ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल सेना में सिपाही रहते हुए उन्होंने 1857 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय सैनिकों के विद्रोह का नेतृत्व किया और देश की स्वतंत्रता की नींव रखी।