धर्म और आस्था

असम धर्मशाला, बांका में 26वां कावड़िया सेवा शिविर आरंभ तीर्थयात्रियों की सेवा में समर्पित, श्रद्धा, सेवा और समर्पण का जीवंत संगम

हरखाड गुढ़ियारी, जिला बांका (बिहार), 17 जुलाई (असम.समाचार):

श्रावणी मेले के पावन अवसर पर बाबा बैद्यनाथ धाम एवं बासुकीनाथ धाम की पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं की सेवा हेतु असम धर्मशाला, हरखाड गुढ़ियारी में “26वां कावड़िया सेवा शिविर” भव्यता और श्रद्धा के साथ आरंभ हो गया है। यह शिविर श्रद्धालुओं के लिए सेवा, सुरक्षा और सुविधा का एक मिसाल बनकर उभरा है।

देवघर से लगभग 16 किलोमीटर पहले स्थित यह धर्मशाला, पिछले 25 वर्षों से पैदल कांवड़ियों की विश्राम स्थली और सेवा केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है।

विशेष व्यवस्थाएं और सुविधाएं

लगभग 1 लाख वर्गफुट क्षेत्र में फैले इस शिविर में प्रतिदिन 3,000 से 4,000 कांवड़ियों के रात्रि विश्राम की उत्तम व्यवस्था है।

परिसर में 50 से 70 वाहन प्रतिदिन पार्क किए जाते हैं।

50 स्नानागार और 50 शौचालय (पुरुष एवं महिलाओं के लिए पृथक) बनाए गए हैं।

24 घंटे बिजली और पानी, विद्युत बाधा की स्थिति में 120 KB जनरेटर उपलब्ध।

निःशुल्क चिकित्सा सेवा, दो अनुभवी डॉक्टरों की टीम द्वारा जांच और दवा वितरण।

नींबू चाय, शिकंजी, सत्तू पेय, तथा इलेक्ट्रॉनिक मालिश मशीनें 24 घंटे चालू।

शुद्ध पेयजल, हवादार परिसर, और स्वच्छ वातावरण श्रद्धालुओं को विशेष राहत प्रदान करता है।

सेवा भाव से प्रेरित दानदाता और सेवादार

यह सम्पूर्ण सेवा व्यवस्था बैद्यनाथ असम कावड़िया सेवा समिति, गुवाहाटी के निर्देशन में असम और अन्य राज्यों के दानदाताओं एवं सेवाभावी कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित की जाती है।
ये सेवाभावी जन तन-मन-धन से जुटकर शिविर को हर वर्ष एक सफल और दिव्य आयोजन बनाते हैं।

असम के सेवादारों की विशेष भूमिका

सेवा शिविर की सम्पूर्ण तैयारी 45 दिन पूर्व से असम से आए सेवादारों द्वारा शुरू की जाती है। वे दिन-रात कार्यरत रहते हैं और विशेष रूप से प्रातःकालीन डाक बम कांवड़ियों की सेवा में जुटे रहते हैं।

असम धर्मशाला द्वारा वर्षों से किए जा रहे यह अथक प्रयास अब श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा, सेवा और समर्पण का प्रतीक बन चुके हैं।

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