बाढ़ प्रभावित मुस्लिम परिवार की बेटी अश्मितारा बेगम ने NEET में हासिल की ऐतिहासिक सफलता, क्षेत्र में खुशी की लहर
गरीबी और विपरीत परिस्थितियाँ अगर संकल्प के सामने टिक नहीं सकतीं — इसका जीता-जागता उदाहरण बनी हैं असम के बोराशिंगारी गांव की अश्मितारा बेगम। मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली यह प्रतिभाशाली छात्रा NEET परीक्षा में 572 अंक प्राप्त कर पूरे इलाके की शान बन गई हैं।

सोनितपुर 25 जून(असम.समाचार)
ओमप्रकाश शर्मा
गरीबी और विपरीत परिस्थितियाँ अगर संकल्प के सामने टिक नहीं सकतीं — इसका जीता-जागता उदाहरण बनी हैं असम के बोराशिंगारी गांव की अश्मितारा बेगम। मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली यह प्रतिभाशाली छात्रा NEET परीक्षा में 572 अंक प्राप्त कर पूरे इलाके की शान बन गई हैं।
अश्मितारा, जो कि बर्चल्ला विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ और कटाव प्रभावित बोराशिंगारी गांव की निवासी हैं, बिना किसी कोचिंग के इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफल हुईं। वह इस समय ढेकियाजुली के लोकनायक ओमेओ कुमार दास कॉलेज में भूगोल की स्नातक छात्रा हैं। आर्थिक तंगी, शिक्षा संसाधनों की कमी और पर्यावरणीय चुनौतियों के बावजूद, अश्मितारा ने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा और आत्मविश्वास से यह सफलता हासिल की।
अश्मितारा के पिता अनिचुर रहमान और माँ फुलमाया बेगम का जीवन बेहद साधारण है। उनकी माँ दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पेट पालती हैं। ऐसे में इस उपलब्धि ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे गांव को गौरवान्वित कर दिया है। क्षेत्र के लोगों ने अश्मितारा को “आशा की किरण” बताया है।
गांव में हर ओर जश्न का माहौल है। स्थानीय लोग अश्मितारा की मेहनत और समर्पण को सलाम कर रहे हैं। गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक, सभी कह रहे हैं कि “अश्मितारा की कहानी हर गरीब घर की बेटी के लिए एक प्रेरणा है।”
अश्मितारा ने अपनी सफलता को मां के संघर्ष और अपनी मेहनत का फल बताया। उन्होंने कहा कि उनका सपना डॉक्टर बनकर समाज के पिछड़े तबकों की सेवा करना है।
ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे एक छोटे से गांव से निकलकर मेडिकल साइंस की दुनिया में कदम रखने जा रही अश्मितारा की यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि यदि इरादा मजबूत हो तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।