धर्म और आस्था

कामाख्या धाम में आज मेले के तीसरे दिन उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, अंबुबाची मेले में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का संगम

यह पर्व मातृत्व, सृजन और प्रकृति की पूजा का प्रतीक है।देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ-साथ तंत्र साधना में लीन साधकों की उपस्थिति मेले को अद्वितीय बनाती है। कई साधु-संत पूरे वर्ष यहीं साधना में लीन रहते हैं और अंबुबाची के दौरान सार्वजनिक रूप से दर्शन देते हैं।

गुवाहाटी 24 जून(असम.समाचार)

विकास शर्मा

देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना है असम का प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर, जहां पर अंबुबाची मेला बड़े ही धूमधाम और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। चार दिन तक चलने वाला यह मेला तंत्र साधना और शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस बार अंबुबाची मेले में करीब 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और हवाई अड्डे पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है, वहीं मंदिर परिसर में साफ-सफाई, पेयजल, चिकित्सा और रात्रि विश्राम की विशेष व्यवस्था की गई है।

 

“पूर्व का कुंभ”अंबुबाची मेला

अंबुबाची मेला को ‘पूर्व का कुम्भ’ भी कहा जाता है। यह वह समय होता है जब देवी कामाख्या को रजस्वला (menstruating) माना जाता है और मंदिर के कपाट तीन दिन तक बंद रहते हैं। चौथे दिन देवी के ‘शुद्धि स्नान’ के बाद पट खोल दिए जाते हैं और श्रद्धालुओं को दर्शन का लाभ मिलता है। यह पर्व मातृत्व, सृजन और प्रकृति की पूजा का प्रतीक है।देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ-साथ तंत्र साधना में लीन साधकों की उपस्थिति मेले को अद्वितीय बनाती है। कई साधु-संत पूरे वर्ष यहीं साधना में लीन रहते हैं और अंबुबाची के दौरान सार्वजनिक रूप से दर्शन देते हैं।

(फ़ोटो सौजन्य- पीतांबर.नेवार)

प्रशासन की व्यवस्था सराहनीय

गुवाहाटी पुलिस, असम टूरिज्म और मंदिर ट्रस्ट के साझा प्रयासों से भीड़ नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवाएं, फ्री भोजन वितरण और विशेष सहायता केंद्रों की व्यवस्था की गई है। हेल्पलाइन नंबर, वॉटर ATM, मोबाइल टॉयलेट्स और CCTV निगरानी की मदद से मेला शांतिपूर्वक संचालित हो रहा है।

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