तेजपुर विश्वविद्यालय में नराकास तेजपुर की बैठक आयोजन

जयप्रकाश अग्रवाल
तेज़पुर 19 जुलाई(असम.समाचार)
मूलभूत विचार प्रक्रियाएँ मूलतः मातृभाषा में ही विकसित होती है और आर्थिक रूप से विकसित राष्ट्र अपनी मूल भाषाओं में शिक्षा को प्राथमिकता देते है- कुलपति प्रो शंभूनाथ सिंह
तेजपुर 19 जुलाई, राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) तेजपुर की वर्ष 2025-26 की पहली छमाही बैठक शुक्रवार को तेजपुर विश्वविद्यालय के जनसंचार व पत्रकारिता विभाग के सभाकक्ष में आयोजित की गई जिसमें तेजपुर व इसके आस-पास स्थित विभिन्न केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/बैंको के अलावा अन्य विभागों के कार्यालय प्रमुखों सहि उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। नराकास तेजपुर की अध्यक्ष प्रोफेसर निधि एस भट्टाचार्य की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप मे तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शंभूनाथ सिंह और भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, राजभाषा विभाग, भारत सरकार, गुवाहाटी के अनुसंधान अधिकारी राम अकबाल यादव उपस्थित थे। बैठक के आरंभ में नराकास तेजपुर के सदस्य सचिव डॉ. कुल प्रसाद उपाध्याय ने भारत सरकार द्वारा विकसित स्मृति आधारित अनुवाद टूल ‘कंठस्थ 2.0’ के बारे में बताया और सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस अनुवाद टूल का प्रयोग करें। बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर शंभूनाथ सिंह ने राजभाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि असमिया जैसी अन्य सभी प्रांतीय भाषाओं को साथ में लेकर हिंदी के विकास को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मूलभूत विचार प्रक्रियाएँ मूलतः मातृभाषा में ही विकसित होती है और आर्थिक रूप से विकसित राष्ट्र अपनी मूल भाषाओं में शिक्षा को प्राथमिकता देते हैं। राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि यादव ने विभिन्न सदस्य कार्यालयों से प्राप्त राजभाषा प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की और इस के कार्यान्वयन सम्बंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासनिक दक्षता और राष्ट्रीय एकता में राजभाषा की भूमिका पर बल देते हुए, सरकारी कामकाज राजभाषा में करने के महत्व पर ज़ोर दिया। राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम 2025-26 के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए यादव ने सभी सदस्य कार्यालयों से आग्रह किया कि वे वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए यथासंभव प्रयास करें। बैठक में उपस्थित विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. दास ने कहा कि हमें हिंदी के प्रयोग से होने वाली झिझक से बाहर निकलकर सहजता के साथ सरल हिंदी के प्रयोग करने की दिशा मे पहल करनी चाहिए। नराकास तेजपुर की अध्यक्ष प्रोफेसर भट्टाचार्य ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बैठक मे उपस्थित अधिकारियों का स्वागत करते हुए नराकास तेजपुर का संक्षिप्त इतिहास और इसकी गतिविधियों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने हिंदी की महान और समृद्ध विरासत पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित सदस्यों से अपने दैनिक जीवन और कार्यालय में राजभाषा को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने का आग्रह किया।